MP Board Class 12th Biology Lesson 4 – Vanshgati tatha vividhta ke sidhant: (कक्षा 12वीं – जीव विज्ञान) पाठ – 4 वंशागति तथा विविधता के सिद्धांत, महत्वपूर्ण प्रश्न
महत्वपूर्ण बिंदु –
- जनको के लक्षणों का उनकी संतत्तियों में पहुंचना अनुवांशिकी कहलाता है|
- वैज्ञानिक मेंडल को अनुवांशिकी का पितामह कहा जाता है|
- मेंडल ने अपने वंशागति के प्रयोग मटर के पाँधों पर किए थे |
- मेंडल ने अनुवांशिकता के तीन नियम प्रतिपादित किए थे- प्रभाविता का नियम, स्वतंत्र अभिवहन का नियम
- पृथक्करण का नियम
- मेंडल ने जीन को कारक कहा था|
- जीन विनिमय की क्रिया पेकैंटीन अवस्था में होती है|
- गुणसूत्रों का एक निश्चित क्रम केरियो टाइप कहलाता है|
- हीमोफीलिया एक लिंग सहलग्न रोग है|
- लिंग निर्धारण की क्रिया Y गुणसूत्र पर निर्भर करती है।
बहुविकल्प प्रश्न
(i) मेंडल ने अपने प्रयोग में किस पौधे का चयन किया-
(ii) मनुष्य के लिंग निर्धारण के लिए कौन सा गुणसूत्र उत्तरदायी होता है-
(iii) निम्न में से विष्मयुग्मजी एलील है-
(iv) यदि माता का रक्त समूह O तथा शिशु का भी रक्त समूह O हो तो पिता का रक्त समूह क्या होगा-
(v) निम्न में से कौन सी शुद्ध हाईब्रिड है –
(vi) किसी हाईब्रिड कॉस में संतति का जीनोटाईप होता है-
(vii) एक ही क्रोमोसोम में पाये जाने वाले जीन-
(viii) कैरियोटाईप की स्थिति 2n+1 और 2ंn+2 को कहते हैं-
(ix) ‘एक विवाहित जोडे के पहले से तीन पुत्रियां है वो अब चौथी संतान का सोच रहे है इस भावी संतान के पुत्र होने की संभावना कितने प्रतिशत होगी –
(x) जब कोई गुण एक से अधिक विपरीत जोडों द्वारा संचालित होता है तो उसे कहते हैः