MP Board Class 12th Physics Lesson 10 – Tarang Prakashiki: (कक्षा 12वीं – भौतिकी) पाठ – 10 तरंग प्रकाशिकी, महत्वपूर्ण प्रश्न
महत्वपूर्ण बिंदु
- किसी स्रोत से निकली तरंगों से प्रभावित माध्यम मैं किसी क्षण खींचा गया ऐसा पृष्ठ है जिस पर स्थित सभी कणों के कंपन समान कला में होते हैं ‘तरंगाग्र कहलाता है |
- तरंगाग्र का प्रत्येक कण दुवितियक तरंगिका उत्सर्जित करता है, जो माध्यम में प्रारम्भिक तरंगिका के वेग से आगे बढती है किसी भी क्षण इन दुवितियक तरंगिकाओं पर खींचा गया उभयनिष्ठ स्पर्शीय तल, उस क्षण नए तरंगार्ग की स्थिती प्रदर्शित करता है |
- व्यतिकरण की घटना में ऊर्जा का पुर्नवितरण होता है ना कि ऊर्जा का विनाश या ऊर्जी का उत्पादन।
- व्यतिकरण तरंगों का अभिलाक्षणिक गुण है, प्रकाश में व्यतिकरण का होना उसकी तरंग प्रकृति की पुष्टि करता है |
- प्रकाश के स्पष्ट एवं स्थिर व्यतिकरण के लिए निम्न शर्तें हैं ।
- दोनों तरंगे कला संबंध होनी चाहिए |
- प्रकाश स्रोत एकवर्णी ही होना चाहिए।
- दोनों तरंगों के आयाम लगभग बराबर होना चाहिए |
- एक जैसे दो समान आवृत्ति वह समान तरंगधैर्य के प्रकाश स्रोत से निकलने वाली तरंगों में कालांतर समय के साथ नहीं बदलता तब श्रोत ‘कलासंबद्ध कहलाते हैं।
- प्रकाश स्रोत जो केवल एक निश्चित Aare का प्रकाश उत्सर्जित करता है एक वर्ण प्रकाश स्रोत कहलाता है।
- प्रकाश का अपने सरल रेखीय मार्ग से विचलित होना तथा अवरोध या द्वारक के किनारों पर मुड़ना विवर्तन कहलाता है |
- विवर्तन तरंगों का गुण है अतः प्रकाश का विवर्तन होना उसकी तरंग प्रकृति की पुष्टि करता है
- विवर्तन की घटना केवल तभी प्रदर्शित की जा सकती है जबकि अवरोध या दूवारक का आकार तरंगदैर्धर्य की कोटि का हो।