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आवर्त सारणी (periodic table)

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Mendeleef ki avart sarni: आवर्त सारणी (periodic table), रासायनिक तत्वों की एक ऐसी सारणी है जिसमें तत्व अपने परमाणु क्रमांक, इलेक्ट्रॉन विन्यास, तथा पुनरावृत करते हुए रासायनिक गुणों के अनुसार सजाये गये होते हैं। तत्व, बढ़ते हुए प्रमाणु क्रमांक के अनुसार इसमें रखे जाते हैं।

आवर्त सारणी (avart sarni) को सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक दिमित्री मेन्डेलीयेव ने 1869 में प्रस्तुत किया था। मेन्डेलीयेव ने तत्वों को उनके परमाणु भार के आधार पर सजाया था और पाया कि समान गुणों वाले तत्व एक ही स्तंभ में आते हैं। मेन्डेलीयेव की आवर्त सारणी में कुछ तत्वों के स्थान गलत थे, लेकिन उन्होंने आवर्त सारणी के सिद्धांत को सही रूप से समझा था।

आवर्त सारणी में तत्वों को 18 क्षैतिज पंक्तियों में रखा जाता है, जिन्हें आवर्त (periods) कहते हैं। प्रत्येक आवर्त में तत्वों के परमाणु क्रमांक में क्रमिक वृद्धि होती है। आवर्त सारणी में तत्वों को 18 ऊर्ध्वाधर स्तंभों में भी रखा जाता है, जिन्हें समूह (groups) कहते हैं। प्रत्येक समूह में तत्वों के रासायनिक गुण समान होते हैं।

आवर्त सारणी के आधार पर तत्वों के गुणों का अनुमान लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, किसी समूह के सभी तत्वों में समान संयोजकता होती है।

आवर्त सारणी का रसायन विज्ञान में बहुत महत्व है। यह रसायनज्ञों को तत्वों के गुणों और उनके बीच के संबंधों को समझने में मदद करता है। आवर्त सारणी का उपयोग रासायनिक अभिक्रियाओं को समझने और नए यौगिकों को बनाने के लिए भी किया जाता है।

आवर्त सारणी के मुख्य भाग

आवर्त सारणी को निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है:

  • उपधातुएँ: ये तत्व धातुओं और अधातुओं के बीच के गुणों को प्रदर्शित करते हैं।
  • अधातुएँ: ये तत्व सामान्यतः ठोस, गैस या तरल होते हैं।
  • धातुएँ: ये तत्व सामान्यतः चमकदार, कठोर और विद्युत चालक होते हैं।

आवर्त सारणी के उपयोग

आवर्त सारणी के कई उपयोग हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • तत्वों के गुणों का अनुमान लगाने के लिए: आवर्त सारणी के आधार पर तत्वों के गुणों का अनुमान लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, किसी समूह के सभी तत्वों में समान संयोजकता होती है।
  • रासायनिक अभिक्रियाओं को समझने के लिए: आवर्त सारणी का उपयोग रासायनिक अभिक्रियाओं को समझने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, समान समूह के तत्वों के बीच रासायनिक अभिक्रियाएं आमतौर पर आसानी से होती हैं।
  • नए यौगिकों को बनाने के लिए: आवर्त सारणी का उपयोग नए यौगिकों को बनाने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, समान समूह या आवर्त के तत्वों को एक साथ मिलाकर नए यौगिक बनाए जा सकते हैं।

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Disclaimer: वेबसाइट पर किसी भी प्रश्न के उत्तर की सत्यता की जाँच कृपया अपनी कक्षा के विषय अध्यापक से जरूर करा ले, इसके बाद ही उत्तर को याद करे।

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