परिमेय संख्याएं वे संख्याएं (rational numbers) होती हैं जो एक पूर्णांक के रूप में लिखी जा सकती हैं और जिनके निचले और ऊपर वाले अंशों में एक संख्या की रूप में दिया गया होता है। इन संख्याओं को अक्सर “p/q” (अंश/हर) के रूप में लिखा जाता है, जहां p और q दोनों पूर्णांक होते हैं, हर हमेशा अंश से बड़ा होता है। यहां, p को विशेष रूप से पूर्णांक का “मेंटर” (numerator) – अंश कहा जाता है और q को “डेनोमिनेटर” (denominator)- हर कहा जाता है।
यहां कुछ उदाहरण परिमेय संख्याओं के हैं:
- 1/2: यह एक परिमेय संख्या है, जिसे “एक भाग दो” के रूप में पढ़ा जा सकता है। यहां, 1 अंश है और 2 हर है।
- 3/4: यह दूसरी परिमेय संख्या है, जिसे “तीन भाग चार” के रूप में पढ़ा जा सकता है। यहां, 3 अंश है और 4 हर है।
- 5/8: यह तीसरी परिमेय संख्या है, जिसे “पांच भाग आठ” के रूप में पढ़ा जा सकता है। यहां, 5 अंश है और 8 हर है।
इस प्रकार, परिमेय संख्याएं पूर्णांकों के बीच के भाग को प्रतिष्ठित करती हैं और हमें यात्रा, भाग करने, गुणा करने, और विभाजन करने जैसे गणितीय कार्यों को संभव बनाती हैं।
3 और 4 के बिच छः परिमेय संख्यायें ज्ञात कीजिये?
संख्याये 3 और चार के बिच अनन्तः अनेक परिमेय संख्याये हो सकती है। हमें छः परिमेय संख्याये ज्ञात करना है।
इसलिए 3 = 3 X (6+1/6+1) = 3 X (7/7) = 21/7
4 = 4 X (6+1/6+1) = 4 X (7/7) = 28/7
अतः 3 और 4 के बीच छः परिमेय संख्याये है :- 22/7,23/7, 24/7, 25/7, 26/7, 27/7
3/5 और 4/5 के बिच पांच परिमेय संख्याये ज्ञात कीजिये?
हमें पांच परिमेय संख्याये ज्ञात करनी है
इसलिए 3/5 = 3/5 * (5+1/5+1) = 3/5 * 6/6 = 18/30
4/5 = 4/5 * (5+1/5+1) = 4/5 * 6/6 = 24/30
Answer – अतः 3/5 और 4/5 के बिच पांच परिमेय संख्याये है:-
19/30, 20/30, 21/30, 22/30, 23/30