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प्रायिकता (Probability) किसे कहते है? परिभाषा, सूत्र एवं उदाहरण

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What is probability? Definition, formula and examples: प्रायिकता एक गणितीय शब्द है जो किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापता है। यह सांख्यिकी की एक शाखा है जो यादृच्छिक घटनाओं का अध्ययन करती है।

गणित में, प्रायिकता एक घटना के घटित होने की संभावना को मापने का एक तरीका है। यह एक यादृच्छिक घटना के लिए एक संख्या है जो 0 से 1 के बीच होती है, जहां 0 का अर्थ है कि घटना घटित होने की कोई संभावना नहीं है और 1 का अर्थ है कि घटना निश्चित रूप से घटित होगी।

प्रायिकता की परिभाषा

प्रायिकता की कई परिभाषाएं हैं, लेकिन सबसे आम परिभाषा यह है कि यह किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापता है।

उदाहरण के लिए, यदि एक पासे को फेंका जाता है, तो किसी भी संख्या के आने की प्रायिकता 1/6 है, क्योंकि पासे पर छह अलग-अलग संख्याएं होती हैं।

इसे निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जा सकता है:

\(P(E) = \frac{n(E)}{n(S)}\)

जहाँ:

  • P(E) = घटना E के घटित होने की प्रायिकता
  • n(E) = घटना E के अनुकूल परिणामों की संख्या
  • n(S) = सभी संभावित परिणामों की संख्या

प्रायिकता के प्रकार

प्रायिकता के दो मुख्य प्रकार हैं:

  • शास्त्रीय प्रायिकता: यह प्रायिकता उस घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या और सभी संभावित परिणामों की संख्या के अनुपात के रूप में परिभाषित की जाती है।
  • अनुभवजन्य प्रायिकता: यह प्रायिकता उस घटना के घटित होने की संख्या और उस घटना के लिए किए गए परीक्षणों की संख्या के अनुपात के रूप में परिभाषित की जाती है।

प्रायिकता के सूत्र

प्रायिकता की गणना के लिए कई सूत्र हैं। कुछ सामान्य सूत्र निम्नलिखित हैं:

  • एक मौका वाली घटना के लिए प्रायिकता:

\[P(E) = \frac{1}{2}\]

  • दो मौका वाली घटना के लिए प्रायिकता:

\[P(E \cap F) = P(E) \cdot P(F)\]

  • तीन मौका वाली घटना के लिए प्रायिकता:

\[P(E \cap F \cap G) = P(E) \cdot P(F) \cdot P(G)\]

महत्वपूर्ण सूत्र

घटना की संभावना (मूल संभावना):किसी घटना A की होने की संभावना P(A) होती है और यह इस प्रकार से गणना की जाती है

\[P(A) = \frac{\text{Number of Favorable Outcomes}}{\text{Total Number of Outcomes}}\]

पूरक संभावना:किसी घटना A के पूरक (अर्थात् A न होने) की संभावना P(A’) इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A’) = 1 – P(A)\]

दो स्वतंत्र घटनाओं के संघटन की संभावना:अगर A और B स्वतंत्र घटनाएं हैं, तो दोनों A और B की होने की संभावना इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A \cap B) = P(A) \cdot P(B)\]

दो घटनाओं के संघटन की संभावना (एक-दूसरे को एक-दूसरे के साथ नहीं होने के लिए):अगर A और B पूरक घटनाएं हैं (वे एक साथ होने की संभावना नहीं है), तो या तो A होने की संभावना या B होने की संभावना इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A \cup B) = P(A) + P(B)\]

सामान्य संभावना नियम (एक-दूसरे को एक-दूसरे के साथ होने के लिए नहीं):अगर A और B सामंजस्यपूर्ण नहीं हैं (वे एक साथ होने की संभावना है), तो या तो A होने की संभावना या B होने की संभावना इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A \cup B) = P(A) + P(B) – P(A \cap B)\]

शर्तानुसार संभावना:घटना B होने पर घटना A होने की संभावना, इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A | B) = \frac{P(A \cap B)}{P(B)}\]

गुणफल नियम (आपेक्षित घटनाओं के लिए):यदि घटनाएँ A और B प्रेषित हैं, तो दोनों A और B की होने की संभावना इस प्रकार से गणना की जाती है:

\[P(A \cap B) = P(A) \cdot P(B | A)\]

प्रायिकता के उपयोग

प्रायिकता का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • सांख्यिकी: सांख्यिकी में, प्रायिकता का उपयोग डेटा के विश्लेषण के लिए किया जाता है।
  • आंकड़ा विज्ञान: आंकड़ा विज्ञान में, प्रायिकता का उपयोग मॉडलों और अनुमानों को बनाने के लिए किया जाता है।
  • Insurance: बीमा में, प्रायिकता का उपयोग जोखिम को मापने और बीमा प्रीमियम निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
  • खेल: खेल में, प्रायिकता का उपयोग दांव लगाने और रणनीति विकसित करने के लिए किया जाता है।

प्रायिकता के उदाहरण

  • एक सिक्के को उछालने पर, दो संभावित परिणाम हैं: चित या पट। चित आने की प्रायिकता 1/2 है।
  • एक पासा फेंकने पर, छह संभावित परिणाम हैं। 1 आने की प्रायिकता 1/6 है।
  • एक कार्ड डेक से एक कार्ड निकालने पर, 52 संभावित परिणाम हैं। एक लाल कार्ड निकालने की प्रायिकता 1/2 है।
  • एक लॉटरी में, 1000 संभावित परिणाम हैं। एक पुरस्कार जीतने की प्रायिकता बहुत कम है।

प्रश्नो के उदाहरण

सुनिश्चित करने के लिए कि आपको प्रायिकता सूत्रों की समझ हो, यहां प्रायिकता के प्रत्येक सूत्र के साथ एक उदाहरण दिया गया है:

1. **मूल संभावना (घटना E की संभावना):**

इस सूत्र के अनुसार, किसी घटना E की होने की संभावना उस घटना के अनुकूल नतिजों को उनके कुल नतिजों से विभाजित करके प्राप्त की जा सकती है।

**उदाहरण:** एक नाई एक वाणिज्यिक मेले में 2 अदरक के टुकड़े बेच रहा है। कुल मिलाकर मेले में 8 अदरक के टुकड़े हैं। अब हम यह जानना चाहते हैं कि एक यात्री को एक अदरक के टुकड़े खरीदने की कितनी संभावना है:

\[P(E) = \frac{2}{8} = \frac{1}{4}\]

2. **पूरक संभावना (घटना E के विपरीत होने की संभावना):**

इस सूत्र के अनुसार, किसी घटना E के विपरीत होने की संभावना उस घटना की संभावना के पूरक के रूप में प्राप्त की जा सकती है।

**उदाहरण:** यदि एक वाणिज्यिक मेले में एक यात्री को कोई एक अदरक के टुकड़े नहीं खरीदना होता है, तो इसका पूरक संभावना उनकी एक अदरक के टुकड़े खरीदने की संभावना के बराबर होता है:

\[P(E’) = 1 – P(E) = 1 – \frac{1}{4} = \frac{3}{4}\]

3. **दो स्वतंत्र घटनाओं के संघटन (घटना E और F की संभावना):**

इस सूत्र के अनुसार, दो स्वतंत्र घटनाओं E और F के संघटन की संभावना उन घटनाओं की संभावनाओं का गुणफल होता है।

**उदाहरण:** एक डाइस को फेंकने पर 1 के आने और 6 के आने की संभावना 1/6 होती है। अब हम यह जानना चाहते हैं कि 2 बार डाइस फेंकने पर पहले बार 1 और दूसरे बार 6 आने की संभावना क्या होगी:

\[P(E) = \frac{1}{6},\ P(F) = \frac{1}{6}\]

\[P(E \cap F) = P(E) \cdot P(F) = \frac{1}{6} \cdot \frac{1}{6} = \frac{1}{36}\]

4. **तीन स्वतंत्र घटनाओं के संघटन (घटना E, F, और G की संभावना):**

इस सूत्र के अनुसार, तीन स्वतंत्र घटनाओं E, F, और G के संघटन की संभावना उन घटनाओं की संभावनाओं का गुणफल होता है।

**उदाहरण:** एक डाइस को फेंकने पर 1, 2, और 3 के आने की संभावना 1/6 होती है। अब हम यह जानना चाहते हैं कि 3 बार डाइस फेंकने पर पहले बार 1, दूसरे बार 2, और तीसरे बार 3 आने की संभावना क्या होगी:

\[P(E) = \frac{1}{6},\ P(F) = \frac{1}{6},\ P(G) = \frac{1}{6}\]

\[P(E \cap F \cap G) = P(E) \cdot P(F) \cdot P(G) = \frac{1}{6} \cdot \frac{1}{6} \cdot \frac{1}{6} = \frac{1}{216}\]

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Disclaimer: वेबसाइट पर किसी भी प्रश्न के उत्तर की सत्यता की जाँच कृपया अपनी कक्षा के विषय अध्यापक से जरूर करा ले, इसके बाद ही उत्तर को याद करे।

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