आरएनए का फुल फॉर्म | आरएनए क्या है | आरएनए का कार्य | RNA की संरचना एवं कार्य
आरएनए की खोज किसने की
आरएनए की खोज 1869 में स्विस वैज्ञानिक फ्रेडरिक मिशर ने की थी। उन्होंने यकृत से एक पदार्थ का निष्कर्षण किया जिसे उन्होंने न्यूक्लिक एसिड नाम दिया। बाद में पता चला कि न्यूक्लिक एसिड दो प्रकार के होते हैं: डीएनए और आरएनए। आरएनए का अर्थ है राइबोन्यूक्लिक एसिड।
मिशर ने आरएनए की खोज के लिए कुछ प्रारंभिक प्रयोग किए। उन्होंने पाया कि न्यूक्लिक एसिड केवल जीवित जीवों में पाया जाता है। उन्होंने यह भी पाया कि न्यूक्लिक एसिड में फॉस्फेट, शर्करा और नाइट्रोजनी क्षार होते हैं।
मिशर की खोज ने आरएनए के अध्ययन के लिए आधार तैयार किया। आरएनए ने कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दिखाया गया है, जिसमें प्रोटीन संश्लेषण, जीन अभिव्यक्ति और कोशिका संकेतन शामिल हैं।
आरएनए क्या है?
आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) एक जैविक अणु है जो सभी जीवित कोशिकाओं में पाया जाता है। यह डीएनए के समान है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आरएनए (RNA) में डीऑक्सिराइबोस शर्करा के बजाय राइबोज शर्करा होती है, और इसमें थाइमिन के बजाय यूरासिल नाइट्रोजनी क्षार होता है।
डीएनए क्या है? डीएनए प्रकार, संरचना का सचित्र वर्णन और कार्य लिखिए
आरएनए के तीन मुख्य प्रकार हैं
- मेसेंजर आरएनए (mRNA): यह आरएनए डीएनए से प्रोटीन के संश्लेषण के लिए एक टेम्पलेट के रूप में कार्य करता है।
- ट्रांसफर आरएनए (tRNA): यह आरएनए अमीनो एसिड को राइबोसोम में ले जाता है, जहां वे प्रोटीन बनाने के लिए एक साथ जुड़ते हैं।
- राइबोसोमल आरएनए (rRNA): यह आरएनए राइबोसोम का एक घटक है, जो प्रोटीन संश्लेषण की साइट है।
RNA की संरचना एवं कार्य
आरएनए एक एकल श्रृंखला वाला अणु है। यह न्यूक्लियोटाइड नामक अणुओं से बना होता है। न्यूक्लियोटाइड में तीन घटक होते हैं:
- एक राइबोस शर्करा
- एक फॉस्फेट समूह
- एक नाइट्रोजनी क्षार
नाइट्रोजनी क्षार चार प्रकार के होते हैं:
- एडेनिन (A)
- गुआनिन (G)
- साइटोसिन (C)
- यूरासिल (U)
आरएनए की संरचना डीएनए की संरचना के समान है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आरएनए में एकल श्रृंखला होती है, जबकि डीएनए में दोहरी श्रृंखला होती है। इसके अलावा, आरएनए में थाइमिन के बजाय यूरासिल होता है।
DNA और RNA में अंतर, इनकी परिभाषा, एवं कार्य लिखिए
आरएनए का कार्य
आरएनए के कई कार्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रोटीन संश्लेषण: आरएनए प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। mRNA डीएनए से प्रोटीन के संश्लेषण के लिए एक टेम्पलेट के रूप में कार्य करता है। tRNA अमीनो एसिड को राइबोसोम में ले जाता है, जहां वे प्रोटीन बनाने के लिए एक साथ जुड़ते हैं। rRNA राइबोसोम का एक घटक है, जो प्रोटीन संश्लेषण की साइट है।
- जीन अभिव्यक्ति: आरएनए जीन अभिव्यक्ति में भी शामिल है, जो प्रक्रिया है जिसके द्वारा डीएनए में जानकारी को प्रोटीन में अनुवादित किया जाता है।
- कोशिका संकेतन: आरएनए कोशिका संकेतन में भी शामिल हो सकता है, जो प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं एक दूसरे के साथ संवाद करती हैं।
- नाइट्रोजन चक्र: आरएनए नाइट्रोजन चक्र में भी शामिल हो सकता है, जो प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे और अन्य जीव वातावरण से नाइट्रोजन को अवशोषित करते हैं।
आरएनए के अनुप्रयोग क्या हैं?
आरएनए के कई अनुप्रयोग हैं, जिनमें शामिल हैं:
- चिकित्सा: आरएनए का उपयोग दवाओं, वैक्सीन और अन्य चिकित्सा उत्पादों के विकास में किया जाता है।
- बायोटेक्नोलॉजी: आरएनए का उपयोग नए उत्पादों और प्रक्रियाओं के विकास में किया जाता है।
- वैज्ञानिक अनुसंधान: आरएनए का उपयोग जैविक प्रक्रियाओं को समझने के लिए किया जाता है।
आरएनए कैसे संश्लेषित होता है?
आरएनए संश्लेषण को ट्रांसक्रिप्शन कहा जाता है। ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया में, DNA से mRNA का संश्लेषण होता है। ट्रांसक्रिपशन दो चरणों में होता है:
- प्रारंभ: आरएनए पोलीमरेज़ नामक एक एंजाइम DNA के एक विशिष्ट अनुक्रम से जुड़ता है।
- प्रसार: आरएनए पोलीमरेज़ DNA के अनुक्रम के साथ गति करता है, RNA न्यूक्लियोटाइड्स को जोड़ता है।
आरएनए जीवित प्रणालियों के लिए एक आवश्यक अणु है। यह प्रोटीन संश्लेषण, जीन अभिव्यक्ति, कोशिका संकेतन और नाइट्रोजन चक्र सहित कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में शामिल है।